रिमांड के दौरान ईडी के कस्टडी में ही रहेंगे पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन

रांची: रिमांड की अवधि में पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से दिन में पूछताछ के बाद रात में होटवार स्थित बिरसा मुंडा जेल में रखने के आग्रह को ईडी के विशेष न्यायाधीश दिनेश राय की कोर्ट ने शनिवार को ठुकरा दिया है।

रिमांड की अवधि में हेमंत सोरेन की पूरी कस्टडी ईडी की रहेगी। कोर्ट में हेमंत सोरेन के महाधिवक्ता राजीव रंजन की ओर से सुरक्षा के दृष्टिकोण से हेमंत सोरेन से दिन में पूछताछ के बाद रात में बिरसा मुंडा जेल या अन्य सुरक्षित जगह पर रखने की अनुमति मांगी गई थी। साथ ही कहा गया था कि ईडी कार्यालय में उनकी जान को खतरा है, जिसे कोर्ट ने स्वीकार नहीं किया। कोर्ट ने हेमंत सोरेन के अधिवक्ता, संबंधी एवं पत्नी को रिमांड अवधि में आधे घंटे मिलने की अनुमति दे दी है।

इससे पहले शुक्रवार को इस मामले में दोनों पक्षों की सुनवाई पूरी हो जाने के बाद ईडी कोर्ट ने मामला में फैसला सुरक्षित रखा था। ईडी की ओर से हाई कोर्ट के वरीय अधिवक्ता अनिल कुमार ने पक्ष रखा था। ईडी की ओर से कहा गया कि रिमांड में दो तरह की कस्टडी होती है, आधी-आधी कस्टडी नहीं होती है। या तो हेमंत सोरेन को न्यायिक हिरासत में जेल में रखा जाये या रिमांड के दौरान उनसे पूछताछ के लिए इसका पूरा कंट्रोल दिया जाये। किसी से अनुसंधान में क्या पूछना है और कब तक पूछना है यह कोई और तय नहीं कर सकता है। उल्लेखनीय है कि ईडी ने हेमंत को पांच दिनों के रिमांड पर लेकर पूछताछ शुरू कर दी है।

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